विश्व भर में प्रसिद्ध इस्कॉन मंदिर का इतिहास बड़ा पुराना है। बता दें कि साल 1966 में कृष्ण भक्ति वेदांता स्वामी प्रभुपाद जीने इसकी स्थापना की थी।
इस्कॉन क्या है?Iskon Mandir
विश्व भर में प्रसिद्ध इस्कॉन मंदिर का इतिहास बड़ा पुराना है। बता दें कि साल 1966 में कृष्ण भक्ति वेदांता स्वामी प्रभुपाद जीने इसकी स्थापना की थी।
विश्व भर में प्रसिद्ध इस्कॉन मंदिर का इतिहास बड़ा पुराना है। बता दें कि साल 1966 में कृष्ण भक्ति वेदांता स्वामी प्रभुपाद जीने इसकी स्थापना की थी।

इस्कॉन एक गौडीय वैष्णव हिंदू धार्मिक संगठन है जिसकी स्थापना 13 जुलाई 1966 सन न्यूयॉर्क मैं भक्ति वेदांत स्वामी प्रभुपाद ने की थी। भक्ति वेदांत स्वामी प्रभुपाद ने कृष्ण प्रेम में बहुत ही विलीन भक्त थे जो कि प्रभु श्री कृष्णा भक्ति में सदा लगे रहते थे।
इस्कॉन मंदिर कहा है?Iskon Mandir

इस्कॉन मंदिर की शुरुआत भक्त वेदांतस्वामी द्वारा शुरू की गई एक बहुत ही अद्भुत संस्था है जहांकी देश-विदेश से कई भक्तजन आकर करके भगवान का दर्शन करते हैं। सर्वप्रथम इस्कॉन मंदिर की स्थापना अमेरिका में हुई उसके बाद भारत वर्ष में भी कई जगहों पर इस्कॉन मंदिर की स्थापना की गई।
इस्कॉन के नियम क्या–क्या है?Iskon Mandir

आखिर क्यों इस्कॉन के लोग 4 नियमों का पालन करते हैं,वास्तव मै श्रीमद् भागवत के 1.17.38 के अनुसार महाराज परीक्षित ने कलयुग के विनती करने पर उसे चार स्थान देने के लिए दिए।
1.पेहला जुआ जहा अवैध रूप से धन एकत्रित किया जाए।
2.दूसरा मदिरा जहा नशे का सेवन हो।
3.तीसरा अवैध संग यानी जिसका अवैध रूप से किसी का किसी के साथ गलत संबंध हो।
4.चौथा जहा मांस भक्षण हो जहा की मांस का सेवन कियाबजाता हो।
कलयुग के और ज्यादा विनती पर महाराज परीक्षित बोले कि तुम सोने पर भी रह सकते हो।वास्तव मै धर्म के चार स्तंभ होते हैं।सत्य,तपस्या,शुद्धता और दया,इसीलिए जुआ से सत्य,मदिरा से तपस्या,अवैध संबंध से शुद्धता और मांस भक्षण से दया खत्म हो जाती है,इसीलिए आप भी इन 4 नियमो का पालन करे।
इस्कॉन मंदिर की सदस्यता फीस कितनी है?Iskon Mandir

अगर आप इस्कॉनमंदिर से जुड़ना चाहते हैं तो आपको सर्वप्रथम इस्कॉन मंदिर के वेबसाइट या मंदिर पर जाकर के वहां पर सूचित कर करके अपना नाम दर्ज कर करके उनकी संस्थासे आप जुड़ सकते हैं और किसी भी प्रकार काकोई शुल्क जमा किए बिना ही आप वहां जाकर के रहकर के और भगवान की सेवा कर सकते हैं।
इस्कॉन मंदिर का पैसा कहा जाता है?Iskon Mandir

भक्तो द्वारा दिया गया कई प्रकार का चंदा,दान मंदिर निर्माण के विभिन्न कार्यों में लगता है एवम मंदिर को सुचारू रूप से चलने के लिए फंड्स की आवश्यकता पड़ती है तो भक्तो द्वारा दिए पाए पैसों को उन कामों में भी लाया जाता है।
अगर किसी नए इस्कॉन मंदिर का निर्माण कार्य प्रगति पर है तो उस जगह पर भी भक्तो द्वारा दिए गए फंड्स को भेजा जाता है।
इस्कॉन मंदिर का मालिक कौन है?Iskon Mandir

इस्कॉन प्रभु वेदांत स्वामी द्वारा शुरू की गई संस्था है जिसकी को आज दुनिया भर मैं 500 से भी ज्यादा सखाए है।
इस्कॉन मंदिर का मालिकाना हक किसी के पास नहीं है ,इस्कॉन प्रभु श्री कृष्ण एवम राधा रानी के चरणों में समर्पित एक अद्भुत संस्था है जिसकी की शुरुआत प्रभु वेदांत स्वामी द्वारा की गई।
इस्कॉन का काला सच क्या है?Iskon Mandir

फ्रॉड,लैंडिंग,जमीन कब्जा,कई अन्य प्रकार के भी मामले इस्कॉन के अधक्षो,सदस्यों एवम वाह के नेताओं के बारे में सामने आई है।इस्कॉन मंदिर आने वाले समय मैं शायद हमारे देश की वित्तीय और कानूनी व्यवस्था के लिए खतरा हैं,कह सकते है की लोगो के सनातन धर्म की रूप में पहचान के लिए भी खतरा है।
इस्कॉन मंदिर का समय क्या है?Iskon Mandir

इस्कॉन मंदिरों की बात की जाए तो आप इस्कॉन मैं जाकर के प्रभु के दर्शन किसी भी समय कर सकते है।परंतु इस्कॉन का शेड्यूल के हिसाब से सुबह 9:00 बजे से लेकर के दोपहर 12:00 बजे तक, और 1:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक।इस्कॉन मंदिर की इसी प्रकार समय सारणी है।
इस्कॉन मंदिर का भजन|Iskon Mandir

Achutam Keshvam Bhajan
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम नारायणं जानकी बल्लभम ।
कौन कहता हे भगवान आते नहीं,
तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं ।
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम नारायणं जानकी बल्लभम ।
कौन कहता है भगवान खाते नहीं,
बेर शबरी के जैसे खिलाते नहीं ।
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम नारायणं जानकी बल्लभम ।
कौन कहता है भगवान सोते नहीं,
माँ यशोदा के जैसे सुलाते नहीं ।
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम नारायणं जानकी बल्लभम ।
कौन कहता है भगवान नाचते नहीं,
गोपियों की तरह तुम नचाते नहीं ।
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम नारायणं जानकी बल्लभम ।
नाम जपते चलो काम करते चलो,
हर समय कृष्ण का ध्यान करते चलो ।
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम नारायणं जानकी बल्लभम ।
याद आएगी उनको कभी ना कभी,
कृष्ण दर्शन तो देंगे कभी ना कभी ।
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम नारायणं जानकी बल्लभम ।
क्या है इस्कॉन मंदिर का इतिहास?Iskon Mandir

- इस्कॉन का पूरा नाम, इंटरनेशनल सोसाइटी फ़ॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस है। इस्कॉन मंदिरों में रहने वाले कई प्रकार के वर्कर्स काम करने वाले यावहां के पुजारी जो भगवान की सेवा में वह किसी भी प्रकार का गंदा खान-पान नहीं रखते हैं मदिरा पान नहीं करते हैं वह पूर्ण रूप से शाकाहारी होते हैं। इस्कॉन के सभी संतों सदैव श्रीमद् भागवत गीता श्री कृष्ण जी का पाठ और पाठन हमेशा करते रहते हैं।
- इस्कॉन की शुरुआत हमारे प्रभु श्री संतस्वामी वेदांत स्वामीजी ने शुरूकी थी इस्कॉन कीस्थाना सबसे पहले अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में हुई उसके बाद वेदांत स्वामी प्रभुपाद जी ने इसको पश्चिमी देशों में भगवानश्री कृष्ण का का संदेश फैलाना चाहा। इस्कॉन मंदिर की शुरुआत इसी सोच से हुई की इस्कॉन भक्ति योग और कृष्ण चेतना के अभ्यास को प्रोत्साहित करने के लिए सदैव तत्पर रहेगा।
- इस्कॉन की स्थापना 1966 में न्यूयॉर्क में हुई थी. वेदांता स्वामी जीने इस सोच के साथ इसको शुरू किया कि इसको पूरेविश्व में श्रीमद् भागवत गीता का प्रचारप्रसार होना चाहिए।शुरुआत में स्वामी प्रभुपाद ने उन अमेरिकी लोगों को इससे जोड़ा, जिन्हें समाज से बहिष्कृत कर दिया गया था. ऐसे लोगों को हिप्पी कहा जाता था.
- इस्कॉन के हिसाब से , सभी जो की गुणों से मुक्त है ब्रह्म के उपासक मायावादी हैं और कृष्ण के अपराधी हैं. वे लोगों को किसी भी अन्य आध्यात्मिक विचारधारा को सुनने से दृढ़ता से मना करते हैं.
इस्कॉन की स्थापना कब हुई?Iskon Mandir

ISKON जिसका की पूरा नाम International Society for Krishna Consciousness है।यह संस्था स्वामी वेदांत जी द्वारा चालू की गई संस्था है इसकी स्थापना 13 जुलाई 1966 मैं हुई।
इस्कॉन का पूरा अर्थ क्या है?Iskon Mandir
इस्कॉन का पूरा अर्थ, इंटरनेशनल सोसाइटी फ़ॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस है.
इस्कॉन के 4 नियम क्या है?Iskon Mandir
इस्कॉन मंदिर मैं रहने वाले पुजारियों के लिए विशेष नियम है को जो भी पुजारी तप, शौच, दया और सत्य इन चार नियमों का पालन करना होता है। इन्हीं ही इस्कॉन का स्तंभ माना गया है। हरे कृष्णा, हरे कृष्णा, कृष्णा-कृष्णा हरे हरे, हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे का दिन में 16 बार जाप पहले पांच साल तक तो नीम की माला से किया जाता है।
भारत मैं कितने इस्कॉन मंदिर है?Iskon Mandir
भारत मैं 500 से भी ज्यादा इस्कॉन मंदिर विभिन्न प्रांतों मैं स्थिति है।इस्कॉन का पूरे विश्व भर मैं हरे कृष्ण श्रीमद्संभगवद गीता के सनदेश को पूरे विश्व भर मैं पहुंचना है।
इस्कॉन कहा की संस्था है?Iskon Mandir

इस्कॉन मंदिर प्रभु वेदांत स्वामी द्वारा शुरू की गई अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर मैं शुरू की गई संस्था है।
इस्कॉन मंदिर मैं किसकी भक्ति होती है?Iskon Mandir
इस्कॉन मंदिर मैं सभी समय हमारे प्रभु श्री कृष्ण के जीवन उपदेशों एवम उनके दी गई विचार धाराओं पर ही निर्भर है।कृष्ण की भक्ति एवम सभी जगह श्रीमद्भगवद्गीता का प्रचार एवम उसके बारे मैं लोगो को बताना है।
यदि आप इस्कॉन मंदिर मैं कोई सेवा या किसी भी अन्य प्रकार का कोई सवाल आपके मन मैं हो तो आप उनकी ऑफिशल वेबसाइट–www.iskon.org पर जा कर के अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते है।
यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि Siyaram Pujan.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.