Krishna Images In Mahabharat– द्वापर युग मैं घटित हुआ महाभारत का युद्ध एक ऐसा संग्राम था जिसके अंश आज भी हमे कलयुग मैं हर जगह मिलते है।महाभारत का युद्ध होने के कई कारण थे जिसमे की एक कौरवो को अपने ऊपर बहुत अहंकार था,एवम कोर्वो की पूरे राजपाठ को अकेले ही हड़प लेने की सोच ने,और भी जैसे द्रोपदी का चीरहरण जैसे गंदे और भ्रष्ठता ने युद्ध का स्तिथि बना दी थी।जिसका परिणाम स्वरूप महाभारत का युद्ध हुआ।
परिचय;इस आर्टिकल मैं आप महाभारत के युद्ध के बारे मैं पूरी जानकारी प्राप्त करेंगे।हमने इस आर्टिकल मैं महाभारत के युद्ध केबारे मैं सभी जानकारियां इकट्ठा कर के आपको देने का प्रयास किया है,आपका समय हमारे लिए कीमती है।आप इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें।
महाभारत युद्ध कितने दिन तक चला?Krishna Images In Mahabharat
द्वापर का महाभारत का युद्ध लगभग 18 दिनों तक चला था क्यों की कृष्ण जी ने अठारह दिनों तक अर्जुन को उपदेश का संदेश दिया था।महाभारत का विश्कय युद्ध कुरुक्षेत्र के मैदान मैं हुआ था,जो की कौरवों एवम पांडवो के बीच हुआ था।
- महाभारत युद्ध के बारे में कुछ और बातें जैसे की भगवान श्री कृष्ण स्वयं अर्जुन के सारथी बने थे महाभारत मैं,कृष्ण जी के उपदेशों पे ही अर्जुन भगवान के बानो का सही लक्ष्य साध रहे थे।
महाभारत का युद्ध किस स्थान पर हुआ था?Krishna Images In Mahabharat
- महाभारत का युद्ध कौरवों एवम पांडवो द्वारा कुरुक्षेत्र के मैदान मैंने किया गया था,कहा गया है धर्म क्षेत्रे कुरुक्षेत्रे।वर्तमान समय मैं अगर हम कुरुक्षेत्र के मैदान की चर्चा करें तो वो हमारे भारत देश के हरियाणा मैं स्थित है,बता दे की यह युद्ध तकरीबन 800 ईसा से 1200 ईसा के मध्य हुआ था।यह बता पाना मुश्किल है की सही समय क्या था पर विद्ववंकानक की माने तो ये जानकारियां सामने आईं है।
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- महाभारत की गाथा तकरीबन हमारी सस्कृति एक बहुत पुरानी शैली है जो की हमारे वेदव्यास जी ने खुद 3000 वर्ष पहले अपने हाथो से लिखा था।जिसमे की उन्होंने तकरीबन 18 खंडों मैं पूरी महाभारत को लिखा था।
- महाभारत का संग्राम कौरवों एवम पांडवो के बीच का जब युद्ध तय हुआ तब एक बात थी की युद्ध हो तो हो कहा,तब उन्हें देवराज इंद्र के वरदान के बारे मैं स्मरण हुआ जो की यह था की राजा कुरु को वरदान था की जो भी कुरुक्षेत्र के मैदान मैं मृत्यु को प्राप्त होगा वो सीधे स्वर्ग जाएगा।इसी वजह से महाभारत के युद्ध के लिए इस जगह को चुना गया था।
महाभारत की शुरुआत कहां से हुई?Krishna Images In Mahabharat
महाभारत का विशाल युद्ध राजपाठ का सिंहासन पाने के लिए कोरवो एवम पांडवो के बीच लड़ा गया था।वेदव्यास जी ने महाभारत का नाम जय संहिता दिया था।महाभारत का युद्ध द्वापर का को युद्ध था जिसका की युगो यूगो तक नाम है।
माना जाता है की भगवान श्री कृष्ण जी ने ही महाभारत के विशाल युद्ध के लिए कुरुक्षेत्र का मैदान चुना था।
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महाभारत का युद्ध कितने साल पहले हुआ था?Krishna Images In Mahabharat
महाभारत का युद्ध का सही समय बताना आज के लिए मुश्किल है लेकिन हमारे मान विद्वानों की सुने तो उनका कहना है की 1100 ईसा से 1500 ईसा के बिछ हुआ था।
आज के बड़े ऋषियो के माने तो उनका कहना है की महाभारत का युद्ध का दिनाक 18 अक्टूबर 2000 ईसा पूर्व हुआ था। उस समय भगवान श्री कृष्ण की उम्र लगभग 70 से लेकर के 80 के बीच मैं थी।
आज भी हमे कई प्रकार के अंश कृक्षेत्र मैदान पर देखने को मिलते है,वैज्ञानिकों की माने आज भी कुरुक्षेत्र की जमीन पर कई ऐसे तीर धनुष अंदर पाए गय है,जो की वैज्ञानिकों के अनुसार तकरीबन 3100 ईसा पहले के हो सकते है।
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महाभारत का असली नाम क्या है?Krishna Images In Mahabharat
वेदव्यास जी द्वारा लिखी गई महाभारत 18 भागो मैं लिखी हुई है,जिसका अर्थ यह है की अठारह दिनों तक महाभारत का विशाल युद्ध चला था।वेदव्यास जी ने महाभारत का नाम “जय संहिता” रखा था।बता ते है की शुरुआत मैं वेदव्यास जी ने कुछ स्लोको को ही लिखा था परंतु गणेश जी द्वारा लिखें जाने पर और अधिक महाभारत के श्लोक उसमे जुड़े।
शक्तिशाली अर्जुन या कर्ण कौन है?Krishna Images In Mahabharat
अर्जुन–पांडवो एवम कौरवों को शस्त्र शिक्षा देने वाले गुरु द्रोणाचार्य जी थे जिसमे की अर्जुन उनके सबसे श्रेष्ठ धनुर्धारी थे जो की हर क्षेत्र के शस्त्र विद्या मैं भली भाटी अच्छे थे,अर्जुन अपने लक्ष्य को बिना देखें भेद सकते थे।अर्जुन एक श्रेष्ठ धनुर्धारी थे जिनकी धनुर विद्या की कौशलते हमने महाभारत जैसे विशाल काय युद्ध मैं देखी।
कर्ण–दूसरी ओर कर्ण जो की महा दानी थे जिन्हे की परशुराम भगवान जो की भगवान शिव जी के अवतार थे उन्होंने खुद उन्हे शास्त्र एवम शस्त्र दोनो की शिक्षा दी।कर्ण उनके सबसे प्रिय शिष्य थे जो भी गुरु जी ने उन्हें सिखाया वह कर्ण ने भली भाटी सीखा,और जिनकी की महाभारत के युद्ध मैं हमने कर्ण की कौशलता देखी ही है,कर्ण बहुत बड़े दानी थे बता दे की जब वह गंगा स्नान करके बाहर आते तो लेने वालो के मांगने की इक्षा के अनुसार वह उसे देते।
अठारहवें दिन के युद्ध में किस किसकी मृत्यु हुई?Krishna Images In Mahabharat
महाभारत के विशालकाय युद्ध मैं अंतिम दिन यानी की वेदव्यास द्वारा लिखें गए 18 वे दिन पाचो पांडवो मैं से सहदेव जी ने शकुनी मामा को मार देते है।
दुर्योधन जब यह देखता है की अब वो अकेला बचा है तो वह भीम द्वारा गदा युद्ध को स्वीकार कर भीम से युद्ध करने चला जाता है,जिसके बाद कृष्ण जी के उपदेश के बाद भीम जी ने दुर्योधन की जांघ पर वार कर के अलग कर दिया,जिससे की दुर्योधन की मृत्यु हो जाती है।
पांडवों में सबसे पहले किसकी मृत्यु हुई?Krishna Images In Mahabharat
जब पांचों पांडव ने महाभारत का युद्ध समाप्त कर स्वर्ग की और प्रस्थान किया तो रास्ते मैं ही उनकी दोस्ती एक स्वान से हुई,और वह स्वान भिनुंके साथ चलने लगा जिसके बाद रास्ते मैं सबसे पहले मृत्यु द्रोपदी की हो जाती है,एवम और आगे जाने पर ही चारो भाईयो की भी मृत्यु हो जाती है,अंतिम मैं सिर्फ स्वान और युधिस्ठिर ही सुमेरू पर्वत तक पहुंच पाते है।
सार;इस आर्टिकल मैं हमने महाभारत के युद्ध से जुड़ी जानकारियां देने का प्रयास किया है,यदि आपको ये जानकारियां अच्छी लगी तो कमेंट बॉक्स मैं अपना सुझाव जरूर दे,और इस प्रश्न पर जरूर गौर फरमाएं।
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