
Mangal Bhavan Amangal Haari Lyrics In Hindi
भजन
हो.. मगंल भवन अमंगल हारी
द्रबहु सु दशरथ अचर बिहारी
राम सिया राम सिया राम जय जय राम
राम सिया राम सिया राम जय जय राम
अर्थ : जो मंगल करने वाले और अमंगल हो दूर करने वाले है , वो दशरथ नंदन श्री राम है वो मुझपर अपनी कृपा करे।
हो.. होई हैं वोही जो राम रची राखा
को करी तरक बढ़ावे साखा
राम सिया राम सिया राम जय जय राम
राम सिया राम सिया राम जय जय राम
अर्थ : जो भगवान श्री राम ने पहले से ही रच रखा है ,वही होगा | हम्हारे कुछ करने से वो बदल नही सकता।
हो.. धिरज धरम मित्र अरु नारी
आपद काल परखिये चारि
(राम सिया राम सिया राम जय जय राम, राम
राम सिया राम सिया राम जय जय राम)
अर्थ : बुरे समय में यह चार चीजे हमेशा परखी जाती है , धैर्य , मित्र , पत्नी और धर्म।
हो.. जेहिके जेहि पर सत्य सनेहू
सो तेहि मिलय ना कछु संदेहू
(राम सिया राम सिया राम जय जय राम, राम
राम सिया राम सिया राम जय जय राम)
अर्थ : सत्य को कोई छिपा नही सकता , सत्य का सूर्य उदय जरुर होता है।
हो.. जाकी रही भावना जैसी
प्रभू मूर्ति देखी तीन तैसी
(राम सिया राम सिया राम जय जय राम, राम
राम सिया राम सिया राम जय जय राम)
अर्थ : जिनकी जैसी प्रभु के लिए भावना है उन्हें प्रभु उसकी रूप में दिखाई देते है।
हो.. रघुकुल रीत सदा चली आयी
प्राण जाए पर वचन न जायी
(राम सिया राम सिया राम जय जय राम, राम
राम सिया राम सिया राम जय जय राम)
अर्थ : रघुकुल परम्परा में हमेशा वचनों को प्राणों से ज्यादा महत्व दिया गया है।
हो.. हरी अनंत हरी कथा अनंता
कहही सुनही बहुविधि सब संता
(राम सिया राम सिया राम जय जय राम, राम
राम सिया राम सिया राम जय जय राम)
राम सिया राम सिया राम जय जय राम
अर्थ : प्रभु श्री राम भी अंनत हो और उनकी कीर्ति भी अपरम्पार है ,इसका कोई अंत नही है। बहुत सारे संतो ने प्रभु की कीर्ति का अलग अलग वर्णन किया है।
MANGAL BHAWAN AMANGAL HAARI
HO MANGAL BHAWAN AMANGAL HAARI
DRABHU DASHARATH AJAR BIHARI
RAM SIYA RAM SIYA RAM JAI JAI RAM
RAM SIYA RAM SIYA RAM JAI JAI RAM
HO HOLI HAI WOHI JO RAM RACHI RAKHA
KO KARI TARAK BADHAWE SAKHA
RAM SIYA RAM SIYA RAM JAI JAI RAM
RAM SIYA RAM SIYA RAM JAI JAI RAM
HO DHEERAJ DHARAM MITR ARRU NAARI
AAPAD KAAL PARKHIYE CHARI
RAM SIYA RAM SIYA RAM JAI JAI RAM
RAM SIYA RAM SIYA RAM JAI JAI RAM
HO JAAKI RAHI BHAAWNA JAISI
RAGHU MURTI DEKHI TEEN TAISE
RAM SIYA RAM SIYA RAM JAI JAI RAM
RAM SIYA RAM SIYA RAM JAI JAI RAM
HO RAGHUKUL REET SADA CHAL AAYI
PRAAN JAAE PAR VACHAN NA JAAYI
RAM SIYA RAM SIYA RAM JAI JAI RAM
RAM SIYA RAM SIYA RAM JAI JAI RAM
HO HARI ANNAT HARI KATHA ANNANTA
KAHHI SUNHI BADHUVIDHI SAB SANTA
RAM SIYA RAM SIYA RAM JAI JAI RAM
RAM SIYA RAM SIYA RAM JAI JAI RAM
RAM RAM JAI RAJA RAM RAM RAM JAI SEETA RAM
RAM RAM JAI RAJA RAM RAM RAM JAI SEETA RAM
RAM RAM JAI RAJA RAM RAM RAM JAI SEETA RAM
RAM RAM JAI RAJA RAM RAM RAM JAI SEETA RAM
RAM SIYA RAM SIYA RAM JAI JAI RAM
RAM SIYA RAM SIYA RAM JAI JAI RAM
RAM SIYA RAM SIYA RAM JAI JAI RAM
HO JEHI KE JEHI PAR SATYA SANEHU
SO TEHI MILE NA KACHHU SANDEHU
RAM SIYA RAM SIYA RAM JAI JAI RAM
RAM SIYA RAM SIYA RAM JAI JAI RAM
HO JIYA BIN DEHI NADI BIN PAANI
JAISI HAI NATH PURUSH BIN NAARI
RAM SIYA RAM SIYA RAM JAI JAI RAM
RAM SIYA RAM SIYA RAM JAI JAI RAM
HO TUMTE ADHEEK PUNEY BADHKAAKE
RAAJAN RAM SARIT SOOT JAAKE
RAM SIYA RAM SIYA RAM JAI JAI RAM
RAM SIYA RAM SIYA RAM JAI JAI RAM
HO MAAT PITA GUGU KE BAANI
BIN HI BICHARI KARAHI SHUBH GYAANI
RAM SIYA RAM SIYA RAM JAI JAI RAM
RAM SIYA RAM SIYA RAM JAI JAI RAM
RAM RAM JAI RAJA RAM RAM RAM JAI SEETA RAM
RAM RAM JAI RAJA RAM RAM RAM JAI SEETA RAM
RAM RAM JAI RAJA RAM RAM RAM JAI SEETA RAM
RAM RAM JAI RAJA RAM RAM RAM JAI SEETA RAM
RAM SIYA RAM SIYA RAM JAI JAI RAM
RAM SIYA RAM SIYA RAM JAI JAI RAM
RAM SIYA RAM SIYA RAM JAI JAI RAM
HO JAG MANGAL GAN GRAAM RAM KE
DAANI MUKUTI DHAN DHARAM DHAM KE
RAM SIYA RAM SIYA RAM JAI JAI RAM
RAM SIYA RAM SIYA RAM JAI JAI RAM
HO RAM RAM KEHI JE JAMUHAHI
TINHHI NA PAAP PUNJ SAMUHAAHI
RAM SIYA RAM SIYA RAM JAI JAI RAM
RAM SIYA RAM SIYA RAM JAI JAI RAM
HO SANMUKH HOHI JEEV MOHI JABHI
JANM KOTI ADH NAASHI TABHHI
RAM SIYA RAM SIYA RAM JAI JAI RAM
RAM SIYA RAM SIYA RAM JAI JAI RAM
RAM RAM JAI RAJA RAM RAM RAM JAI SEETA RAM
RAM RAM JAI RAJA RAM RAM RAM JAI SEETA RAM
RAM RAM JAI RAJA RAM RAM RAM JAI SEETA RAM
RAM RAM JAI RAJA RAM RAM RAM JAI SEETA RAM
RAM SIYA RAM SIYA RAM JAI JAI RAM
RAM SIYA RAM SIYA RAM JAI JAI RAM
RAM SIYA RAM SIYA RAM JAI JAI RAM
भगवान राम की कहानी
श्रीराम एक व्यक्ति है जिसका नाम हिंदी भाषा में गहरा आदर और प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ है। उनका नाम हिंदू धर्म के एक प्रमुख देवता, भगवान राम के साथ संबंधित है। भगवान राम की कहानी और उनके गुणों की महिमा भारतीय साहित्य और संस्कृति में अगम्य है। श्रीराम के नाम का महत्व भारतीय समाज में अत्यधिक है, जो भक्ति, नैतिकता, और धर्म की अद्वितीय शिक्षाओं को दर्शाता है।
शिक्षा और मार्गदर्शन
श्रीराम के नाम से जुड़ी कई कहानियाँ और उनके धार्मिक महत्व ने उन्हें भारतीय समाज में एक महान आदर्श बना दिया है। श्रीराम की कथाएँ न केवल भक्तिमय हैं, बल्कि वे एक शिक्षा और मार्गदर्शन का स्रोत भी हैं। उनकी प्रेरणा से लोग नैतिकता, सामर्थ्य, और समर्पण की भावना को गहराते हैं।
धार्मिक दृष्टिकोण
श्रीराम के नाम का महत्व भारतीय समाज में विभिन्न रूपों में दिखाई देता है। धार्मिक दृष्टिकोण से उन्हें भगवान का अवतार माना जाता है, जिनका मार्गदर्शन लोगों को धार्मिकता, सहिष्णुता, और ध्यान की भावना सिखाता है। उनकी कथाओं ने धर्म और कर्तव्य के महत्व को उजागर किया है और लोगों को सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया है।
धर्म के प्रतीक
श्रीराम के नाम की गहरी धारणा और आदर विभिन्न समाजिक और सांस्कृतिक परिधियों में दिखाई देती है। उन्हें वीरता, साहस, और धर्म के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। उनकी कहानियाँ न तो सिर्फ धार्मिक भावनाओं को जगाती हैं, बल्कि लोगों को समाज में सही और उचित कार्यों के लिए प्रेरित भी करती हैं।
नैतिकता की अद्वितीयता
श्रीराम के नाम का अर्थ भक्ति, सेवा, और नैतिकता की अद्वितीयता है। उनकी कथाओं में वे अपने प्रेम, साहस, और समर्पण के माध्यम से विश्वास को दर्शाते हैं। उनकी कहानियाँ लोगों को सही और धार्मिक जीवन जीने के लिए प्रेरित करती हैं और उन्हें अच्छे कर्मों की ओर प्रेरित करती हैं।
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