मैं प्रेमानंद जी से वृंदावन में कैसे मिल सकता हूं?
प्रेमानंद महाराज जी जो वृंदावन में रहते हैं वहां आश्रम में रहते हैं जहां का की पता है शांत श्री हित राधा केली कुंज आश्रम में वह रहते हैं आप वहां जाकर करके अधिक जानकारी ले सकते हैं वृंदावन में अगर आप इस आश्रम के पास जाते हैं तो वहां ही आपको श्री प्रेमानंद जी महाराज मिलते हैं उनके शिष्य मिलते हैं उनके भक्तों से भेंट कर सकते हैं आप और उनसे भी जाकर करके भेंट कर सकते हैं।
Premanand Ji Maharaj-प्रेमानंद महाराज जी की जो किडनी है दोनों ही की दुनिया खराब है और डॉक्टर द्वारा ऑपरेशन भी किया जा चुका है और बताते हैं वह की कई वर्षों से उन्हें सिर्फ राधा नाम जपने से उन्हें यह इतना लाभ है कि आज उनकी दोनों किडनी खराब हैं पर तब भी वह सिर्फ राधा नाम सहारे पर ही चल रहे हैं
कहते हैं कि हमारे विष्णु अवतार प्रभु श्री कृष्णा हो चाहे प्रभु श्री राम हो जब भी हमारे प्रभु का नाम लिया जाता है तो पहले माता सीता अथवा माता राधा जी का नाम लिया जाता है जब हम कहते हैं सीताराम राधा कृष्ण तो हमारी पूज्य मां का नाम पहले आता है। कहते हैं अगर आप राम को भेज रहे हैं तो 10000 बार अगर आप राम का नाम लेते हैं तो वह एक बार सीता नाम खाने के बराबर होता है।
Premanand Ji Maharaj-संत प्रेमानंद जी महाराज जो हैं वह अपनी बाल्यावस्था से ही राधा नाम का भजन कर रहे हैं राधा नाम की भक्ति में वह ली है उन्होंने अपना जो जीवन है वह भगवान श्री कृष्णा और राधा जी के लिए समर्पित कर दिया है और गुरु दीक्षा लेने के बाद वह राधा नाम को और फैला रहे हैं और जागृत और उजागर कर रहे हैं बता दें कि उनके पास जो भक्त आते हैं उनसे दीक्षा लेते हैं और वह भी राधा नाम का भजन करते हैं जाप करते हैं।
बता दे की प्रेमानंद जी महाराज जी के जो इस समय गुरुजी हैं उनका नाम श्री हित मोहित मराल जी है. जींस की प्रेमानंद जी महाराज सदैव भेंट करते रहते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए जाते रहते हैं बता दे कि यह गुरु के लिए ऐसा प्रेम शायद ही हमने कहीं देखा होगा जैसा कि प्रेमानंद जी महाराज अपने गुरु को प्रेम कर रहे हैं।
प्रेमानंद महाराज जी की जो उम्र है वह तकरीबन 60 वर्ष के आसपास है। वह बाल्यावस्था से ही राधा नाम जप करते-करते भक्ति भाव में उनके ली हैं और कई वर्षों से अपने प्रभु आराध्य श्री राधा रानी के चरणों में उन्होंने अपना जीवन समर्पित कर दिया।